Ola Electric Shares Plunge 7%: सब्सिडियरी के खिलाफ दिवालिया याचिका से बाजार में हड़कंप

Ola Electric Shares Plunge 7

Ola Electric Shares Plunge 7%. नई दिल्ली, 17 मार्च 2025: इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र की बड़ी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) के शेयरों ने आज बड़ी गिरावट दर्ज की। कंपनी के स्टॉक ने सोमवार को ₹50 के स्तर से नीचे 7% की भारी गिरावट के साथ कारोबार समाप्त किया। यह झटका तब लगा, जब रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज लिमिटेड ने ओला की सहायक कंपनी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज के खिलाफ दिवालिया याचिका दायर की है।

क्यों डूबे ओला के शेयर?

रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज, जो हाई-सिक्योरिटी वाहन नंबर प्लेट बनाने और वाहन पंजीकरण का काम करती है, ने भुगतान न मिलने का आरोप लगाते हुए NCLT बेंगलुरु में याचिका दाखिल की। इसके बाद ओला इलेक्ट्रिक ने स्टॉक एक्सचेंज को दिए बयान में इन दावों को “निराधार” बताया और कानूनी कार्रवाई की घोषणा की। कंपनी ने कहा, “हम याचिका का पुरजोर विरोध करेंगे और अपने हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे।”

शेयरों का बुरा हाल, निवेशकों की चिंता

इस खबर के बाद ओला इलेक्ट्रिक के शेयर ₹46.86 के स्तर पर बंद हुए, जो पिछले एक महीने में 18% और IPO के बाद के शिखर (₹157) से करीब 70% नीचे है। कंपनी का मार्केट कैप अब ₹1.2 लाख करोड़ से घटकर ₹75,000 करोड़ रह गया है। विश्लेषकों का मानना है कि बिक्री और वित्तीय चुनौतियों को लेकर बढ़ती चिंताओं ने भी निवेशकों का भरोसा डगमगाया है।

बिक्री के आंकड़ों में अंतर! Ola Electric Shares Plunge 7%

दिलचस्प बात यह है कि सरकारी आंकड़ों और कंपनी के दावों में बड़ा अंतर देखने को मिला। सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार, फरवरी में ओला ने सिर्फ 8,647 इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचे, जबकि कंपनी ने 25,000+ यूनिट्स की बिक्री का दावा किया। इस विसंगति पर ओला ने कहा कि वाहन पंजीकरण एजेंसियों के साथ अनुबंध पुनर्गठन के कारण आंकड़े प्रभावित हुए हैं, लेकिन वास्तविक बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा।

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EBITDA लाभ का लक्ष्य, लेकिन चुनौतियां बरकरार

हालांकि ओला इलेक्ट्रिक अपने भविष्य को लेकर आशावादी है। कंपनी ने पिछले सप्ताह घोषणा की कि वह वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही तक अपने ऑटोमोटिव बिजनेस को EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास से पहले की कमाई) के स्तर पर लाभदायक बना देगी। इसके लिए लागत कम करने, उत्पादन दक्षता बढ़ाने और नए बाजारों में विस्तार की रणनीति पर जोर दिया जा रहा है।

कानूनी लड़ाई और निवेशकों का रुख

रोसमेर्टा की याचिका से ओला की वित्तीय स्थिति पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन कंपनी का कहना है कि वह कानूनी प्रक्रिया के जरिए इस मुद्दे को सुलझा लेगी। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ महीनों में NCLT का फैसला और बिक्री प्रदर्शन निवेशकों के भरोसे को नई दिशा देगा।

भविष्य की राह: EV बाजार में संभावनाएं

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को देखते हुए ओला के दीर्घकालिक विकास के अवसर मजबूत हैं। कंपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने, नए मॉडल लॉन्च करने और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर रही है। हालांकि, वर्तमान कानूनी उलझनों और प्रतिस्पर्धा के बीच निवेशकों की नजरें ओला के अगले कदमों पर टिकी हैं।

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निष्कर्ष:
ओला इलेक्ट्रिक आज एक बड़ी चुनौती का सामना कर रही है, लेकिन बिक्री के मजबूत आंकड़े और EV क्रांति में उसकी अगुआई उसे पटरी पर लौटने में मदद कर सकती है। जैसे-जैसे कानूनी मामले साफ होंगे और बाजार में स्थिरता आएगी, निवेशकों को नए संकेत मिलेंगे। फिलहाल, ओला को अपनी रणनीतियों और ग्राहक भरोसे पर काम करने की जरूरत है।

क्या आपको पता है?
ओला इलेक्ट्रिक ने पिछले साल 2 लाख से ज्यादा स्कूटर बेचकर भारत के EV बाजार में 35% हिस्सेदारी हासिल की थी। अगर कंपनी अपने लक्ष्यों पर टिकी रही, तो आने वाले सालों में यह आंकड़ा दोगुना हो सकता है!

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