Amazon-Flipkart Under Fire: BIS की कड़ी कार्रवाई गैर-मानक उत्पादों पर शिकंजा

Amazon-Flipkart Under Fire

Amazon-Flipkart Under Fire. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़न और फ्लिपकार्ट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके गोदामों से हजारों गैर-मानक और असुरक्षित उत्पाद जब्त किए हैं। यह अभियान उपभोक्ता सुरक्षा को लेकर सरकार की गंभीरता का संकेत है, जहां BIS प्रमाणन के बिना बिक रहे उत्पादों पर अंकुश लगाने की कोशिश की जा रही है।

BIS का ऑपरेशन: दिल्ली, गुरुग्राम और लखनऊ में छापेमारी

7 मार्च, 2025 को BIS की टीम ने अमेज़न के लखनऊ स्थित गोदाम में छापा मारा। यहां 215 खिलौने और 24 हैंड ब्लेंडर बरामद किए गए, जिन पर BIS का अनिवार्य ISI मार्क नहीं था। इसी तरह, गुरुग्राम में फ्लिपकार्ट के गोदाम से 534 स्टेनलेस स्टील बोतलें, 134 खिलौने और 41 स्पीकर जप्त किए गए। ये सभी उत्पाद बिना किसी सुरक्षा जांच के बाजार में पहुंचाए जा रहे थे, जो उपभोक्ताओं के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकते थे।

टेकविजन इंटरनेशनल पर निशाना Amazon-Flipkart Under Fire

इस कार्रवाई के दौरान BIS की नजर टेकविजन इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड पर गई, जो अमेज़न और फ्लिपकार्ट को गैर-मानक उत्पाद सप्लाई कर रहा था। दिल्ली में कंपनी के गोदामों से लगभग 7,000 इलेक्ट्रिक वॉटर हीटर, 4,000 फूड मिक्सर, 95 रूम हीटर और 40 गैस स्टोव बरामद किए गए। डिजिस्मार्ट, एक्टिवा, इनाल्सा, सेलो स्विफ्ट और बटरफ्लाय जैसे ब्रांड्स के उत्पादों में ISI मार्क का अभाव था, जो उनकी गुणवत्ता और सुरक्षा पर सवाल खड़े करते हैं।

कानूनी कार्यवाही और जुर्माने की मार

BIS ने BIS एक्ट, 2016 के तहत टेकविजन के खिलाफ केस दर्ज किए हैं। सेक्शन 17(1) और 17(3) के उल्लंघन में कंपनी को ₹2 लाख से लेकर माल की कीमत का 10 गुना जुर्माना भरना पड़ सकता है। साथ ही, दोषियों को 2 साल तक की जेल भी हो सकती है। BIS ने चेतावनी दी है कि अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की भी जांच जारी है।

गैर-मानक उत्पाद: सेहत और सुरक्षा के लिए खतरा

सरकार ने घरेलू उपकरणों, खिलौनों और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के लिए BIS प्रमाणन को अनिवार्य किया है। लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर नकली या बिना लाइसेंस वाले उत्पादों की बाढ़ आई हुई है। ये उत्पाद न तो आग से सुरक्षा के मानकों पर खरे उतरते हैं, न ही इनमें इस्तेमाल मटीरियल स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होता है। उदाहरण के लिए, बिना ISI मार्क वाला हीटर शॉर्ट सर्किट करके आग लगा सकता है या खिलौनों में मौजूद केमिकल्स बच्चों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

उपभोक्ता सुरक्षा: सरकार की प्रतिबद्धता

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का कहना है कि BIS मानकों का पालन कराना उनकी प्राथमिकता है। ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने सप्लायर्स की सख्त जांच करनी चाहिए और गैर-मानक उत्पादों को लिस्टिंग से हटाना चाहिए। BIS के एक अधिकारी के मुताबिक, “हमारा लक्ष्य बाजार से असुरक्षित चीजों को हटाकर उपभोक्ताओं का विश्वास जीतना है।”

ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त याद रखें ये बातें
  1. ISI मार्क जरूर चेक करें: कोई भी उत्पाद खरीदने से पहले उस पर BIS का मार्क या लाइसेंस नंबर देखें।
  2. ब्रांड की ऑथेंटिसिटी वेरिफाई करें: नकली ब्रांड अक्सर मूल ब्रांड्स के नाम से मिलते-जुलते नामों से उत्पाद बेचते हैं।
  3. कस्टमर रिव्यूज पढ़ें: अगर किसी प्रोडक्ट के रिव्यूज में क्वालिटी या सेफ्टी को लेकर शिकायतें हों, तो उसे न खरीदें।

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निष्कर्ष: सतर्कता ही सुरक्षा है

यह कार्रवाई न सिर्फ ई-कॉमर्स कंपनियों, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी एक सबक है। ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा के साथ-साथ गुणवत्ता की जांच करना भी जरूरी है। BIS की वेबसाइट पर जाकर आप किसी भी उत्पाद का लाइसेंस नंबर वेरिफाई कर सकते हैं। सरकार की यह पहल उपभोक्ताओं को जागरूक बनाने और बाजार में सुरक्षित उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है।

इस घटना के बाद अमेज़न और फ्लिपकार्ट ने अपनी गुणवत्ता जांच प्रक्रिया को सख्त करने का दावा किया है, लेकिन उपभोक्ताओं को भी सचेत रहने की आवश्यकता है। आखिरकार, सुरक्षा की गारंटी ISI मार्क से ही शुरू होती है!

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